आरक्षित कोटे से जीत पर भी कुछ नहीं करते जन प्रतिनिधि :भाई तेज सिंह
दलित समाज के सैंकड़ों सांसद के रहते हुए क्यों नहीं थम रहा है उत्पीड़न :भाई तेज सिंह
नई दिल्ली: अंबेडकर समाज पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय में फोरम अगेंस्ट मोब लिंचिंग के बैनर तले प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें अंबेडकर समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई तेज सिंह जमात ए इस्लामी हिंद के पुर्व सचिव इंतजार नईम , फोरम के राष्ट्रीय प्रवक्ता हाफिज गुलाम सरवर, अंबेडकर समाज पार्टी महिला विंग की महासचिव शबनम सिंह मौजूद रहे.
संवाददाताओं से बात करते हुए अंबेडकर समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई तेज सिंह ने कहा की जब हम आजादी के अमृत महोत्सव मना रहे हैं उस समय भी देश में दलित उत्पीड़न दलितों के साथ हिंसा और दलित महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार जैसी घटनाएं लगातार बाढ़ आ रही है आए दिन राजस्थान मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश इत्यादि राज्यों से अलग-अलग तरह की घटनाएं सामने आ रही है नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार दलित उत्पीड़न की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है जो चिंता का विषय बना हुआ है भारत में संविधान के रहते हुए और संविधान में महिलाओं और दलितों की सुरक्षा के संबंध में कानून रहते हुए अगर इस तरह की घटनाएं घट रही है तो यह मान लेना चाहिए कि सत्ता पर बैठे लोग और उनके सहयोगी दलित हितैषी नहीं है और यह भी मानना पड़ेगा की दलितों के प्रति उनके मन में आज भी नफरत और घृणा है अंबेडकर समाज पार्टी सदैव ऐसे सोच का विरोध करती है भाई तेज सिंह ने दलित समाज के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के क्रियाकलापों पर और उनकी चुप्पी पर भी सवाल उठाया अतिथि के तौर पर आए जमात ए इस्लामी हिंद के पुर्व सचिव इंतजार नईम ने दलितों के शोषण उत्पीड़न पर अपनी बात रखते हुए कहा कि दरअसल दलित समस्याओं की जड़ में कौन है यह समझना बहुत जरूरी है यही कारण है कि हमने दशकों पहले इस पर कई किताबें लिख रखी है अपनी लिखी पुस्तक दलित समस्या जड़ में कौन को दिखाते हुए इंतजार नईम ने कहा कि धार्मिक पुस्तकों में जिस प्रकार से वर्ण व्यवस्था को इंगित किया गया है उससे दलित उत्पीड़न का मार्ग प्रशस्त होता है जोकि घोर निंदनीय है सभी को आगे आकर इस वर्ण व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन चलाना चाहिए राष्ट्रीय प्रवक्ता हाफिज गुलाम सरवर ने दलित समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए कहा की भारत में सामाजिक व्यवस्था सदियों से ऐसी बनी हुई है जिस पर कई बार चर्चा किया जा चुका है लेकिन तेजी से बदलते हुए समाज को यह मानना पड़ेगा के विकसित समाज में जाति और वर्ण का कोई स्थान नहीं है 21वीं सदी में भी यदि जाति के आधार पर किसी के साथ भेदभाव छुआछूत ऊंच-नीच जैसी घटनाएं घटती है तो यह घोर निंदनीय है अंबेडकर समाज पार्टी के महिला विंग की महासचिव शबनम सिंह ने भी दलित महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न का जिक्र करते हुए इसे भारतीय समाज पर एक कलंक के रूप में रेखांकित किया और समाज से जाति व्यवस्था को समाप्त कर क्षमता समानता और मसावत के संदेश को आम करने की अपील की.