मोर्चा ने किया के जी बाला कृष्णन आयोग का स्वागत

कहा दलित मुसलमानों की जगी उम्मीद

नई दिल्लीः दलित मुस्लिम एवं ईसाई के अधिकार से संबंधित सवालात को लेकर केंद्र सरकार ने जिस आयोग की स्थापना की है उसका हम स्वागत करते हुए कहना चाहते हैं कि मुसलमानों की बड़ी आबादी दलित मूल की है और यहां की मूलवासी है।इस आबादी की शैक्षिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति  अन्य धर्म के अविकसित दलितों की सी है।1936के सरकारी आदेश में इन्हें भी शेड्यूल कास्ट की श्रेणी में रखा गया था।इस श्रेणी में हिंदू,सिख और बौद्ध दलित भी शामिल थे ।केवल इंडियन क्रिश्चियन को ही शेड्यूल कास्ट का दर्जा नहीं दिया गया था।1950 के राष्ट्रपति  आदेश द्वारा इसे केवल हिन्दू दलितों के लिए आरक्षित कर दिया गया।
बाद में इस श्रेणी में सिख और बौद्ध धर्म के दलितों को क्रमशः शामिल किया गया।केवल दलित मुस्लिम ही पिछले 72 सालों से इस आरक्षण से वंचित हैं ये बातें आज आल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम के राष्ट्रिय प्रवक्ता हाफ़िज़ ग़ुलाम सरवर ने मोर्चा के आयोजित प्रेस वार्ता मैं किया।
हाफ़िज़  ग़ुलाम सरवर ने कहा कि पिछले 25-26वर्षों से हम इन्हीं आबादी को शेड्यूल कास्ट श्रेणी में शामिल करने की मांग करते चले आ रहे हैं ताकि पढ़ लिखकर देश की मुख्य धारा में शामिल हो सकैं।हमारी मांग  को न तो   धर्मांतरण से कोई लेना देना है और न ही हम धर्मांतरण को बढ़ावा देना चाहते हैं।हम तो सदैव धर्मांतरण पर पूर्णतः प्रतिबंध के पक्ष में रहे हैं और आज भी है।हमारा उद्देश्य तो केवल भारतीय समाज के इस बड़ी आबादी को देश के मुख्य धारा में लाने का है ताकि कामनल पालिटिक्स का खात्मा हो।
आर्थिक आधार पर कमजोर सवर्णों के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हुए कहते हैं कि अदालत से हमें भी इंसाफ मिलने की उम्मीद है ।
उन्होंने प्रधानमंत्री ने जब से बैकवर्ड मुस्लिम की बात सामने लाई है तब दलित मुस्लिम की भी आस बहुत जगी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी से हम निवेदन करते हैं कि हिन्दू, सिख और बौद्ध दलित की तरह मुस्लिम दलितों को भी अनु.जा. में शामिल कर नेहरू सरकार की इस ग़लती को दूर करने में पहल करैं। ईसाई दलितों को तो ब्रिटिश सरकार ने ही नहीं दिया था। दलित ईसाई की आबादी बहुत कम है और उन्हें आरक्षण की आवश्यकता नहीं है।हमें उनसे न जोड़ें।हमारा मुकदमा भी सुप्रीमकोर्ट में  अलग है पी आई एल नंबर 15/2020 है  और हमारे दलितों की स्थिति भी जग ज़ाहिर है,
प्रेस वार्ता मैं मोर्चा के पदाधिकारी , शब्बीर अहमद मंसूरी,अब्दुल हकीम हवारी , शाहिद रंग रेज, नफीस सलमानी, दिलशाद अख्तर सलमानी, मो ०आलम फरीदी, चांद मोहम्मद सैफी, हाजी समीर सैफी, मौलाना शादाब हुसैन क़ासमी उपस्थित थे। 

We need your help to spread this, Please Share

Related posts

Leave a Comment