दिल्ली में आई बाढ़ का मूल कारण हथनीकुंड का पानी नही केजरीवाल सरकार का भ्रष्टाचार है जिसकी न्यायिक जांच आवश्यक है – वीरेन्द्र सचदेवा

The root cause of flood in Delhi is not the water of Hathnikund, it is the corruption of Kejriwal government, which needs a Judicial Inquiry - Virendra Sachdeva

दिल्ली में आई बाढ़ का मूल कारण हथनीकुंड का पानी नही केजरीवाल सरकार का भ्रष्टाचार है जिसकी न्यायिक जांच आवश्यक है – वीरेन्द्र सचदेवा

रविवार 9 जुलाई को जब दिल्ली बाढ़ की ओर बढ़ रही थी केजरीवाल हरियाणा में चुनाव प्रचार कर रहे थे और आज रविवार 16 जुलाई उसी हरियाणा को बाढ़ का दोषी बता रहे हैं – वीरेन्द्र सचदेवा

केजरीवाल सरकार में मंत्री सुश्री आतिशी खुद को ऑक्सफोर्ड से पढ़ी हुई बताती हैं जबकि इतनी पढ़ाई के बावजूद उनके बयान से यह लगता है कि उन्हें बैराज और डैम के बीच में अंतर नहीं पता है – बांसुरी स्वराज

नई दिल्ली, 16 जुलाई। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा एवं दिल्ली भाजपा लीगल सैल की सह-संयोजक सुश्री बांसुरी स्वराज ने आज एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा कि हथनीकुंड बैराज से हर वर्ष मानसून में दिल्ली की ओर वर्षा का अतिरिक्त पानी छोड़ा जाता है पर 1978 के 45 वर्ष बाद बाढ़ इसी वर्ष आई है। भाजपा नेताओं ने कहा है कि बाढ़ के कारण उत्पन्न स्थिति की जिम्मेदारी से बचने के लिये आम आदमी पार्टी के नेता हथनीकुंड बैराज से छोड़े गये पानी को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।

पत्रकार वार्ता का संचालन प्रवक्ता श्री प्रवीण शंकर कपूर ने किया और कहा की दिल्ली का विकास एव रखरखाव भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गये हैं।

श्री सचदेवा ने कहा कि इस मुद्दे पर आज बहुत सी बातें रखेंगे पर सबसे पहले मैं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग करता हूं कि वह दिल्ली वालों को बतायें कि फ्लड कंट्रोल आॅर्डर के अंतर्गत जून तक अनिवार्य रूप से की जाने वाली एपेक्स कमेटी की बैठक गत 2 साल से क्यों नहीं की गई है। दिल्ली में बाढ़ को लेकर केजरीवाल सरकार कितनी लापरवाह है इसका प्रमाण है एपेक्स कमेटी की बैठक न होना। उन्होंने कहा कि एपेक्स कमिटी के नोडल आॅफिसर डी.एम. ईस्ट ने मुख्यमंत्री को जून में 3 बार मीटिंग बुलाने के लिये लिखा, बताया कि गंभीर स्थिति की चेतावनी है पर फिर भी मुख्यमंत्री ने बैठक नहीं बुलाई।

श्री सचदेवा ने कहा है कि पानी कब और कितना छोड़ा जायेगा इसका निर्णय जल विशेषज्ञ करते हैं पर हथनीकुंड से पानी छोड़े जाने में इस वर्ष दिल्ली सरकार को राजनीति इसलिए दिख रही है क्योंकि इस वर्ष दिल्ली में मानसून पूर्व यमुना तटों की सफाई में, नालों एवं नालियों की सफाई में दिल्ली सरकार के बाढ़ विभाग, लोक निर्माण विभाग, जल बोर्ड एवं दिल्ली नगर निगम ने एतिहासिक घोटाला किया।

मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे यूँ तो गत 8 साल से यमुना सफाई के पैसे में घोटाला हो रहा था पर इस वर्ष तो मंत्रियों सुश्री आतिशी एवं सौरभ भारद्वाज ने यमुना सफाई के साथ नालों की सफाई का सारा फंड साफ करके आम आदमी पार्टी के कोष में जमा कर दिया। इस वर्ष सारे सफाई ठेके ऐसे लोगों को दिये गये जो अपना हिस्सा काट करके आम आदमी पार्टी के कोष को किक बैक भेज दें। गत वर्ष दिल्ली सरकार को 6500 करोड़ रूपये यमुना सफाई के लिये केन्द्र से मिले और 2409 करोड़ रूपये एसटीपी निर्माण के लिये मिले, केजरीवाल सरकार जवाबदेह है कि यह सब पैसा कहां गया।

श्री वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की केजरीवाल आज जवाब दे क्या यह सच नही की यदि यमुना की सफाई पर पैसा लगाया गया होता तो यमुना के पास बहने की गहराई होती, उसका डूब क्षेत्र साफ होता तो शहरी इलाको में बाढ़ का पानी ना आता ? मुख्यमंत्री केजरीवाल यमुना सफाई एवं डूब क्षेत्र रख रखाव की स्टडी के लिये कोरिया तक का भ्रमण करके आये मगर दिल्ली में काम कुछ नहीं किया।

केजरीवाल, आतिशी एवं भारद्वाज जवाब दें की क्या यह सच नही की यदि नालों एवं नालियों की सफाई की होती, आई.टी.ओ. एवं ओखला बैराजों का रखरखाव किया होता दिल्ली की बाढ़ की स्थिती को रोका जा सकता था ?

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की दिल्ली में आई बाढ़ का मूल कारण हथनीकुंड का पानी नही केजरीवाल सरकार का भ्रष्टाचार है जिसकी न्यायिक जांच आवश्यक है।

तीन दिन पहले खुद मुख्य मंत्री केजरीवाल ने स्वीकारा है की गत वर्षों में हथनीकुंड से 8.5 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया पर बाढ़ नही आई तो आखिर इस वर्ष 1 लाख क्यूसिक पर ही बाढ़ कैसे आ गई ? साफ है की यमुना एवं नालों की सफाई ना करना दिल्ली में बाढ़ एवं बर्बादी का मूल कारण है।

रविवार 9 जुलाई को जब दिल्ली बाढ़ की ओर बढ़ रही थी केजरीवाल हरियाणा में चुनाव प्रचार कर रहे थे और आज रविवार 16 जुलाई उसी हरियाणा को बाढ़ का दोषी बता रहे हैं।

सुश्री बांसुरी स्वराज ने केजरीवाल सरकार पर झूठ फैलाकर अपने निक्कमेपन को छुपाने का आरोप लगाया।

सुश्री बांसुरी स्वराज ने कहा कि केजरीवाल सरकार में मंत्री सुश्री आतिशी खुद को ऑक्सफोर्ड से पढ़ी हुई बताती हैं जबकि इतनी पढ़ाई के बावजूद उनके बयान से यह लगता है कि उन्हें बैराज और डैम के बीच में अंतर नहीं पता है।

आतिशी बताने की कोशिश कर रही हैं कि हथनिकुंड दिल्ली के लिए अभिशाप है जबकि दिल्ली की 60 फीसदी पानी की अपूर्ति हथनीकुंड से होती है। उन्होंने कहा कि हथनिकुंड में लगे दो कैनाल ईस्टर्न जिससे उत्तर प्रदेश की ओर पानी जाता है और वेस्टर्न जिससे पानी हरियाणा और दिल्ली की ओर आता है। ईस्टर्न कनाल से अधिकतम पानी जाने की क्षमता 4000 से 6000 क्यूसेक है और वेस्टर्न कनाल से 15000 से 18000 क्यूसेक पानी जा सकता है।

सुश्री बांसुरी स्वराज ने कहा कि सेंट्रल वाटर पॉल्यूशन गाइडलाइन्स है जिसके अनुसार अगर एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी आता है तो उस पानी को नदी में छोड़ना अनिवार्य है ना कि नहर में और यही हरियाणा सरकार द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि 2013 में 8 लाख क्यूसेक पानी और 2019 में 8.28 क्यूसेक पानी दिल्ली में छोड़ा गया था लेकिन उस वक्त कोई बाढ़ जैसी स्थिति नहीं बनी लेकिन इस बार मात्र 3.5 लाख क्यूसेक पानी ही छोड़ने से पूरी दिल्ली में जल प्रलय आ गई। इसका कारण है कि केजरीवाल सरकार ने सारा का सारा पैसा अपने भ्रष्टाचार और प्रचार में उड़ा दिए।

सुश्री बांसुरी स्वाराज ने कहा की 2010 के आसपास नालों में बनाए गए रिवर्स फ्लो वॉल जो बैक फ्लो को रोकता है,उसको केजरीवाल सरकार ने कभी मरम्मत ही नहीं कराई और वह टूट जाने से सारा का सारा पानी रिवर्स बैक हो गया और शहर का प्रमुख भाग डूब गया।

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