जामिया कुलपति से मिलीं भारत की राष्ट्रपति, विश्वविद्यालय के प्रदर्शन की सराहना की
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने 11 जनवरी, 2022 को राष्ट्रपति भवन में भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। माननीय राष्ट्रपति, जो विश्वविद्यालय की विज़िटर भी हैं, उनके साथ कुलपति की यह पहली मुलाकात थी।
कुलपति ने कहा कि यह देखकर काफी खुशी हुई कि माननीय राष्ट्रपति विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और परफ़ॉर्मेंस के बारे में बहुत जागरूक थीं। उन्होंने इन उपलब्धियों के लिए प्रो. नजमा अख्तर को बधाई दी और विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उनकी प्रशंसा भी की।
प्रो. नजमा अख्तर ने माननीय राष्ट्रपति को बताया कि जामिया को 2021 में (5 साल की अवधि के लिए) नैक द्वारा ए++ ग्रेड प्रदान किया गया और यह एनआईआरएफ, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार देश के शीर्ष तीन विश्वविद्यालयों में से एक है। विश्वविद्यालय ने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग जैसे क्यूएस, टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) आदि में भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने माननीय राष्ट्रपति को विश्वविद्यालय के आगामी दीक्षांत समारोह के लिए विज़िटर के नाते आमंत्रित किया। कुलपति ने कहा कि माननीय राष्ट्रपति ने उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए विश्वविद्यालय की प्रशंसा की और आशा व्यक्त की कि यह आने वाले वर्षों में और भी बेहतर प्रदर्शन करेगा।
प्रो. अख्तर ने माननीय राष्ट्रपति को बताया कि विश्वविद्यालय जनजातीय अध्ययन एवं विकास विभाग और जनजातीय छात्रों के लिए एक छात्रावास स्थापित करना चाहता है और इसके लिए उनसे मदद मांगी।
प्रो. अख्तर ने माननीय राष्ट्रपति को बताया कि हाल ही में विश्वविद्यालय के एक दर्जन से अधिक शोधार्थियों, विशेषकर छात्राओं को प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) के लिए चुना गया है। उन्होंने माननीय राष्ट्रपति को रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी (आरसीए), जामिया के उत्कृष्ट प्रदर्शन के बारे में भी बताया, जिसने अपनी स्थापना के बाद से बड़ी संख्या में सिविल सर्वेन्ट्स तैयार किए हैं, जिसमें इस साल की आईएएस परीक्षा की टॉपर श्रुति शर्मा भी शामिल हैं। कुलपति ने यह भी उल्लेख किया कि जामिया के फैकल्टी मेम्बर उत्कृष्ट शोध कार्य कर रहे हैं और विजिटर अवार्ड सहित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा प्राप्त कर रहे हैं।
प्रो. अख्तर ने माननीय राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि विभिन्न मापदंडों पर जामिया के उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए विश्वविद्यालय को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा मिल सकता है। उन्होंने जामिया में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की मंजूरी प्राप्त करने के लिए माननीय राष्ट्रपति की सहायता भी मांगी। वाइस चांसलर ने उन्हें बताया कि विश्वविद्यालय पहले ही सरकार से मेडिकल कॉलेज के लिए मंजूरी देने की अपील कर चुका है, जो न केवल दक्षिण दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए बेहद जरूरी है, बल्कि यूपी और हरियाणा के आसपास के शहरों में रहने वाले लोगों के लिए भी बहुत उपयोगी होगा। .
प्रो. नजमा अख्तर ने यह भी कहा कि जामिया के शैक्षणिक पाठ्यक्रमों की भारी मांग को देखते हुए, मध्य-पूर्व जैसे उन देशों में जहां बड़ी संख्या में भारतीय रह रहे हैं, उन देशों में जामिया के ऑफशोर कैम्पस की स्थापना समय की मांग है। उन्होंने जामिया में एक आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, एक नर्सिंग कॉलेज और फैकल्टी ऑफ़ अल्टरनेटिव मेडिसिन स्थापित करने की अनुमति भी मांगी।
शैक्षणिक कार्यक्रमों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए प्रो. नजमा अख्तर ने माननीय राष्ट्रपति से विश्वविद्यालय में अतिरिक्त शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों के लिए भी अनुरोध किया।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को पूरी उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में उन्हें अपनी विज़िटर का मार्गदर्शन और अमूल्य सहयोग ज़रूर मिलेगा।