लीबिया के एक सच्चे यकीन वाले मुसलमान की कहानी!

 लीबिया के एक सच्चे यकीन वाले मुसलमान की कहानी!

 

यह लीबिया के एक युवक हाजी की हैरान कर देने वाली कहानी है, जिसे न ले जाने वाले जहाज़ को दो बार आसमान से वापस लौटना पड़ा।

लीबिया की जनता ने इस अनोखे और दिल को छू लेने वाले वाकये पर जोरदार प्रतिक्रिया दी है, जो हाजी आमिर अल-महदी के साथ पेश आया।

यह वो खुशनसीब शख्स है जिसकी नीयत इतनी पक्की और दिल इतना सच्चा था कि खुदा-ए-कायनात ने उसे हज की सआदत बख्शने के लिए जहाज़ को भी दो बार लौटा दिया।

यह वाकया 26 मई 2025 को अलजज़ीरा के प्रोग्राम “शबकात” में ज़िक्र का हिस्सा बना।

हुआ यूं कि दक्षिणी लीबिया के सबहा एयरपोर्ट पर मौजूद अफसरों ने आमिर अल-महदी को पासपोर्ट की एक तकनीकी दिक्कत के चलते फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया।

हज के लिए जाने वाले मुसाफिरों के नाम पुकारे गए, लेकिन उसे अंदर जाने नहीं दिया गया। फिर जहाज़ अपने तय वक़्त पर उड़ गया, लेकिन महदी ना तो मायूस हुआ और ना ही एयरपोर्ट की रवाना हॉल से बाहर निकला। वो पूरे यकीन और सब्र से कहता रहा:

“मैंने नीयत कर ली है, मैं हज पर जा रहा हूँ, और मैं ज़रूर जाऊँगा!”

लोगों ने उसे समझाया कि फ्लाइट जा चुकी है, अब तुम्हारा जाना नामुमकिन है, घर लौट जाओ और अल्लाह से दुआ करो कि अगले साल हज की सआदत नसीब हो। मगर आमिर ने किसी की बात नहीं मानी और कहा: “देखना, मैं हज पर ज़रूर जाऊँगा।”

इधर कुदरत को कुछ और ही मंज़ूर था। जहाज़ जब आसमान में पहुँचा, तो अचानक तकनीकी खराबी आ गई और उसे वापस एयरपोर्ट लैंड करना पड़ा।

यह मौका महदी के लिए एक नई उम्मीद की किरण बन सकता था, मगर जब जहाज़ वापस आया और महदी को चढ़ाने की इजाज़त माँगी गई, तो पायलट ने सीढ़ी खोलने से इनकार कर दिया।

 

जहाज़ की खराबी ठीक की गई और वो दोबारा उड़ान भरकर उड़ गया, महदी को फिर पीछे छोड़कर।

मगर वो सच्चा मोमिन ना तो मायूस हुआ, ना ही घर गया।

अधिकारियों ने फिर समझाया कि अब कोई उम्मीद नहीं बची, लेकिन उसका जवाब था:

“إن الطائرة لن تذهب بدونه وإنها ستعود.”

(यह जहाज़ मेरे बिना नहीं जाएगा, यह फिर लौटेगा।)

और हैरानी की बात ये है कि वही हुआ!

जहाज़ एक और तकनीकी खराबी का शिकार हुआ और मजबूरी में उसे दोबारा एयरपोर्ट पर आना पड़ा। इस बार पायलट ने एलान किया:

“जब तक आमिर अल-महदी सवार नहीं होंगे, मैं जहाज़ नहीं उड़ाऊँगा।”

चुनांचे यही हुआ। जब महदी आखिरकार जहाज़ में सवार हुआ, तो उस पल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उस वक़्त महदी की खुशी देखने लायक थी।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया:

🔸 यह हैरान कर देने वाला वाकया सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। किसी ने इसे सच्ची नीयत की जीत कहा, तो किसी ने लीबिया की हवाई व्यवस्था की आलोचना की।

▪️ एक यूज़र “अल-इब्तिसामा” ने लिखा:

“जब जहाज़ दो बार सिर्फ तुम्हारे लिए वापस लौटे, तो यह आम बात नहीं है। तुम्हारा अल्लाह से कोई खास रिश्ता है कि उसने तुम्हारी दुआ क़ुबूल कर ली।”

▪️ एक और यूज़र “अलून” ने कहा:

“जब नेक नीयत अमल से आगे हो, अल्लाह पर भरोसा मज़बूत हो और तवक्कुल (पूर्ण विश्वास) सच्चा हो, तभी ऐसी करामतें सामने आती हैं। अल्लाह अपनी कुदरत से सब कुछ मुमकिन बनाता है।”

▪️ एक और यूज़र “जुमाआह” ने लिखा:

“यक़ीन नहीं होता! पहले तुम्हारे होश उड़ा दिए, फिर पायलट ने सीढ़ी खोलने से इनकार किया? हम लीबियाई लोग वाकई हर चीज़ को जटिल बना देते हैं! लेकिन महदी की अडिगता और अल्लाह पर पूरा यकीन रंग लाया। वो अब पवित्र धरती पर पहुँच चुके हैं।”

एक वीडियो में महदी एहराम पहने नज़र आ रहे हैं और अपने सफर की कहानी सुना रहे हैं, और कहते सुने गए:

“अलहम्दुलिल्लाह! मैं बैतुल्लाह पहुँच चुका हूँ!”

(स्रोत: सोशल वेबसाइट्स से लिया गया)

 

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