बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद को आगे आईं IAS सोनल गोयल, बाँटी राहत सामग्री और सेनेटरी पैड
नई दिल्ली, 18 जुलाई
दिल्ली में बारिश अभी भी थमी नहीं है। सोमवार को भी कई इलाक़ों में ज़ोरदार बारिश हुई। यमुना के जलस्तर में पहले से कुछ कमी ज़रूर आई है मगर दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने लोगों से अपील की है कि वे अभी राहत कैम्पों में ही रहें।
उधर राहत कैम्पों में बुनियादी सुविधाओं का भी टोटा है। केंद्र और राज्य सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर ज़ारी है, मगर इन दो पाटों के बीच आम जनता पिस रही है। लोगों को भर-पेट खाने के लाले हैं। महिलाओं के शौचालय की व्यवस्था दयनीय है। बीमारों के इलाज के लिए कोई ढंग की व्यवस्था नहीं है।
ऐसे में एक बार फिर दिलवाली दिल्ली के लोग दिल खोल कर मदद को आगे आए हैं। यमुना से सटे इलाक़ों में आज सर्व हितम् मानव सेवा संस्थान के बैनर तले दिल्ली की निवासी और त्रिपुरा भवन की रेज़िडेंट कमिशनर सोनल गोयल IAS लोगों को राहत सामग्री बाँटती हुई नज़र आयीं।
IAS सोनल गोयल ने बताया कि, “सोशल मीडिया के माध्यम से इन ग़ैर-सरकारी संगठनों ने सहयोग के लिए मुझे सम्पर्क किया और अपने प्रयासों की जानकारी दी। जिसके बाद मैंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता से जो भी सहयोग बन सकता है, करने का निश्चय किया।”
राहत सामग्री बाँट रहे जीवन स्तंभ फ़ाउंडेशन के वोलंटियर नरेश पाल ने बताया कि सोनल गोयल मैडम के सहयोग से आज हमने सौ से ज़्यादा लोगों को खाने-पीने की चीज़ें जैसे दाल, चावल, सत्तू, चीनी, नामक आदि के पैकेट और इसके साथ ही महिलाओं को सेनेटरी पैड भी बाँटे हैं।
IAS सोनल गोयल ने बताया कि मैंने यहाँ घूम-घूमकर कई लोगों से बात की है। इनमें बच्चे, बुज़ुर्ग और महिलाएँ भी शामिल हैं। महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या शौचालय की है। इतनी बड़ी आबादी के लिए गिने-चुने शौचालय हैं जिसे महिला-पुरुष दोनों इस्तेमाल करते हैं। मुश्किल दिनों में गंदे शौचालयों के इस्तेमाल से महिलाओं को इंफ़ेक्शन और बीमारी होने का ख़तरा बढ़ जाता है। इसलिए हमने महिलाओं को सेनेटरी पैड भी दिए हैं ताकि मुश्किल दिनों में उनकी परेशानी कुछ कम हो सके।
मौसम विभाग की माने तो आने वाले दिनों में भी दिल्ली में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। ऐसे में लोगों को अभी कई और दिन कैम्पों में रहना पड़ सकता है। ऐसे में ज़रूरत है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग मदद को आगे आएँ ताकि मुश्किलों से जूझ रहे इन परिवारों को कुछ राहत मिल सके।
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