*भारतीय लोकतंत्र में पसमांदा (भारतीय मुसलमानों) की भूमिका* शारिक अदीब अंसारी, प्रो. देवेंद्र कुमार धूसिया *पसमांदा, एक फारसी शब्द जिसका अर्थ है ‘जो पीछे रह गए हैं’,* भारत में आर्थिक और सामाजिक रूप से हाशिए पर रहने वाले मुस्लिम समुदायों को संदर्भित करता है। इस समूह में मुख्य रूप से पिछड़ी जाति (अन्य पिछड़ा वर्ग या ओबीसी पसमांदा) और दलित (दलित पसमांदा) शामिल हैं। भारत में मुस्लिम आबादी का बहुमत होने के बावजूद, पसमांदा ने ऐतिहासिक रूप से बहिष्कार और भेदभाव का सामना किया है, न केवल व्यापक समाज…