मुजफ्फरनगर स्कूल में मुस्लिम बच्चे के साथ हुई घटना पर कानून की कठोर धाराओं के तहत कार्रवाई की जाए

The incident with the Muslim child in Muzaffarnagar school should be dealt with according to strict provisions of the law:
मुजफ्फरनगर स्कूल में मुस्लिम बच्चे के साथ हुई घटना पर कानून की कठोर धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएः मौलाना 

– मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय बाल विकास मंत्री और राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग को भेजा पत्र, स्थानीय जमीअत लगातार पीड़ित परिवार से संपर्क में
नई दिल्ली, 26 अगस्त 2023। Jamiat Ulama-i-Hind के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने मुजफ्फरनगर के खब्बापुर गांव में हुई “स्कूल घटना” पर गहरा दुख व्यक्त किया है और सरकार से मांग की है कि स्वतः संज्ञान लेते हुए दोषी शिक्षिका को सजा दी जाए। इस संबंध में मौलाना मदनी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), नेशनल माइनॉरिटी कमीशन (NCM) को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। पत्र में विशेष रूप से कहा गया है कि “मेरा आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त घटना का स्वतः संज्ञान लें और दोषी के विरुद्ध बाल अधिकार, मानवाधिकार, शैक्षिक अधिकार और दो सम्प्रदायों के बीच घृणा की रोकथाम के अधिनियम के तहत मामला दर्ज करें। साथ ही आप संबंधित जिला प्रशासन को शीघ्र निर्देश दें कि वह कानून की मामूली धाराएं लगाकर इस गंभीर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश न करें।’’
मौलाना मदनी ने कहा कि देश में नफरत फैलाने की पाठशाला किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। मेरा दिल इस बात से बहुत दुखी है कि हमारा देश हेट स्पीच का केंद्र बनता जा रहा है। इसकी शुरुआत राजनेताओं और कुछ मीडिया संस्थाओं द्वारा घृणा आधारित बयानों और कार्यक्रमों से हुई। जब इस परिस्थिति की रोकथाम पर ध्यान नहीं दिया गया तो आज देश का वातावरण इतना दूषित हो गया है कि अब सुरक्षा संस्थान यहां तक कि ज्ञान का मंदिर कहे जाने वाले स्कूल भी इसका शिकार हो रहे हैं।
ज्ञात हो कि खब्बापुर मंसूरपुर गांव में नेहा पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल तृप्ता त्यागी से संबंधित एक वीडियो सामने आयी है, जिसमें वह एक छात्र को मुस्लिम होने के कारण शारीरिक हिंसा और अपमानजनक टिप्पणी का निशाना बना रही हैं। इस तरह की निंदनीय हरकतें न केवल शिक्षा के सिद्धांतों का उल्लंघन हैं, बल्कि साम्प्रदायिकता और नफरत को भी बढ़ावा देती हैं, जिनका हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है। मौलाना मदनी ने कहा कि हर बच्चा एक सुरक्षित और समावेशी शैक्षणिक वातावरण का हकदार है, जहां वह व्यक्तिगत और शैक्षणिक रूप से विकसित हो सके। उपरोक्त शिक्षिका का रवैया इन बुनियादी सिद्धांतों और पेशेवर आचरण का गंभीर उल्लंघन है। हम संबंधित संस्थाओं से जोरदार ढंग से मांग करते हैं कि वह इस चिंताजनक घटना से निपटने के लिए तत्काल और दृढ़तापूर्वक कारवाई करें और घटना के पूरे विवरण को उजागर करें। शिक्षिका के कृत्यों की न्यायपूर्वक समीक्षा के लिए एक संपूर्ण और पारदर्शी जांच की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति की रोकथाम को सुनिश्चित किया जा सके। किसी भी प्रकार के भेदभावपूर्ण रवैये, उत्पीड़न या हिंसा के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जानी चाहिए और इस नीति से सभी कर्मचारियों और छात्रों को सूचित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही विविधता, समावेशन और सांस्कृतिक संवेदनशीलता प्रशिक्षण भी आवश्यक है।
मौलाना मदनी ने स्थानीय जमीअत उलमा को निर्देश दिया है कि वह भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक प्रभावों से उबरने में छात्र और उसके परिवार की मदद करें। इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन से मुलाकात कर उन्हें कठोर कानूनी कार्रवाई करने के लिए तैयार करें। अतः आज दोपहर जमीअत उलमा मुजफ्फरनगर के प्रतिनिधिमंडल ने जिला सचिव कारी मोहम्मद जाकिर के नेतृत्व में पीड़ित छात्र के परिवार से उनके घर पर जाकर मुलाकात की और जमीअत की ओर से हर संभव मानवीय एवं नैतिक सहयोग का आश्वासन दिया। जमीअत उलमा की टीम लगातार इस मामले पर नजर रखे हुए है और आवश्यकतानुसार कार्रवाई करेगी।
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